गोरखपुर,गर्भपात के बाद छह माह तक परिवार नियोजन अति अनिवार्य

वीडियो संदेश के जरिये बताई जा रही है महत्ता

गर्भपात के 11 दिन बाद ही बढ़ जाती है गर्भधारण की संभावना

गोरखपुर, 18 अप्रैल 2023

किसी भी कारण से अगर गर्भपात हो जाता है तो अगले बच्चे के लिए गर्भधारण छह माह बाद ही करना है । इस समयावधि में परिवार नियोजन का कोई न कोई साधन अवश्य अपनाना चाहिए। एक मिनट 28 सेकंड के वीडियो संदेश के जरिये गर्भपात के बाद परिवार नियोजन की इस महत्ता को समझाने का प्रयास किया जा रहा है ।

वीडियो संदेश में बताया गया है कि गर्भपात के दौरान महिला को बड़ी मात्रा में खून की हानि होती है। इसकी क्षतिपूर्ति होने में छह माह का वक्त लग जाता है । गर्भपात के 11 दिन बाद ही महिला गर्भधारण में समर्थ हो जाती है, लेकिन छह माह के पहले गर्भधारण उसके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है । ऐसे में जैसे ही गर्भपात हो, दंपति को आपसी सहमति के आधार पर आवश्यकतानुसार स्थायी या अस्थायी साधन का चुनाव कर लेना चाहिए। यह वीडियो संदेश उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के सहयोग से तैयार हुआ है।

पिपराईच सीएचसी में परिवार नियोजन परामर्शदात्री रीना का कहना है कि जिन महिलाओं का किसी कारण से गर्भपात हो जाता है उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में जानकारी दी जाती है। वीडियो संदेश के जरिये लाभार्थियों को परिवार नियोजन की महत्ता समझने में आसानी होगी। परिवार पूरा हो जाने के बाद भी गलती से गर्भधारण की अवस्था में गर्भपात करवाने वाले लाभार्थियों को स्थायी साधन नसबंदी या पीएआईयूसीडी के लिए प्रेरित किया जाता है ।

महिलाएं तुरंत बाद भी अपना सकती हैं यह साधन

• महिला नसबंदी- सर्जिकल गर्भपात के तुरंत बाद या सात दिन के भीतर, जबकि चिकित्सकीय गर्भपात अगले माहवारी आने के एक से सात दिन के भीतर
• पीएआईयूसीडी- गर्भपात के तुरंत बाद या बारह दिन के भीतर
• त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन- गर्भपात के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर
• साप्ताहिक गोली छाया- गर्भपात के तुरंत बाद
• माला एन- गर्भपात के तुरंत बाद या साद दिन के अंदर

पुरुष अपना सकते हैं यह साधन

• पुरुष नसबंदी-कभी भी
• कंडोम-कभी भी

इन महिलाओं ने ली सुविधा

एनएचएम के ड्रिस्ट्रिक्ट डेटा मैनेजर पवन कुमार गुप्ता ने बताया कि जिले में अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2023 तक 1079 महिलाओं ने गर्भपात के तुरंत बाद नसबंदी की सुविधा अपनाई । इसी समयावधि में 453 महिलाओं ने गर्भपात के बाद पीएआईयूसीडी लगवाया ।

स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधा उपलब्ध

एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद ने बताया कि स्थायी साधन नसबंदी की सुविधा छोड़ कर परिवार नियोजन के सभी साधनों की उपलब्धता हर सरकारी केंद्र पर मौजूद है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे और एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार के दिशा-निर्देशन में निर्धारित सेवा दिवस के माध्यम से नसबंदी की सुविधा भी सीएचसी व पीएचसी पर दी जा रही है।

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