30 अप्रैल तक गठित 1263 टीमें 2.57 लाख घर-घर जाकर देंगी दस्तक
टीबी, कुपोषण, मौसमी बीमारियों के बारे में ले रहीं हैं जानकारी
इटावा 20,अप्रैल 2023।
टीबी, कुपोषण, मौसमी बीमारियों के मरीजों की तलाश के लिए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अभियान के तहत घर-घर दस्तक शुरू कर दी है। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के बाहर स्टीकर लगाकर लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। नागरिकों को अपने आसपास गंदे पानी को न एकत्रित होने देने की भी सलाह और विभिन्न बीमारियों से बचाव के बारे में तौर-तरीके बता रहीं हैं । यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। जिला मलेरिया अधिकारी नीरज दुबे ने बताया कि दस्तक अभियान को सफल बनाने के लिए 1263 टीमों को गठन किया गया है जो 2.57 लाख से अधिक घरों को कवर करेंगी।
डिप्टी सीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ श्रीनिवास का कहना है कि जिले में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान के क्रम में 17 अप्रैल सोमवार से दस्तक अभियान की शुरु हो गया है। उन्होंने अपील की कि बीमारी का लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर विभाग को अवगत करायें । या आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क करें साथ ही आशा के घर पर आने पर उसके द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के सही जवाब दें जिससे आपके स्वास्थ्य की सही जानकारी हो सके l
जिला मलेरिया अधिकारी नीरज दुबे ने बताया कि इस अभियान में मुख्य जिम्मेदारी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सौंपी गई है। इस अभियान के अंतर्गत कुपोषित बच्चों तथा विभिन्न रोगों के लक्षणयुक्त व्यक्तियों का चिन्हीकरण कर सूचीबद्ध भी किया जाएगा। मुख्य रूप से बुखार, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस, टीबी व कुपोषित बच्चों पर ध्यान दिया गया है। एक हफ्ते से ज्यादा बुखार या खांसी वाले लोगों तथा कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुपोषित बच्चों की सूची बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को सौंपी जाएगी। इसके माध्यम से बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में रेफर किया जाएगा। इसी तरह टीबी के मरीजों की सूची क्षय रोग विभाग को भेजी जाएगी। इसके लिए पूर्व में ही आशा को प्रशिक्षित किया जा चुका है। मलेरिया अधिकारी ने बताया कि यह दस्तक अभियान 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा।
मच्छरों से ऐसे करें बचाव
• अपने घर के आसपास किसी भी तरह का जलभराव न होने दें.| ध्यान रहे मच्छर गंदे और साफ पानी दोनों में पनप सकते हैं|
• घरों में खिड़की दरवाजे के रास्ते घुस जाते हैं| दरवाजे और खिड़कियों पर ऐसी जाली लगवाएं, जिससे हवा तो अन्दर आए, लेकिन मच्छर न घुस पायें|
• घरों की छतों पर रखी पानी की टंकी को ढककर रखें, ताकि मच्छर न पनप पायें|
• रात में सोने के लिए मच्छरदानी लगा लें| मच्छरों से बचने के लिए ये बेहद आसान, प्रचलित और बेहद सुरक्षित तरीका है|
• पूरी बांह के कपड़े पहनें|
• गाँव में जानवरों के बाड़ों को घर से दूर रखें| यहाँ काफी मच्छर पनप सकते हैं, इसलिए इसमें साफ-सफाई का बहुत ख्याल रखें|
• खराब टायर, कूलर आदि में पानी जमा होने न दें|
• संतुलित आहार ले और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल सब्जी लें