हरदोई। विश्व मलेरिया दिवस पर आज स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में नानक गंज स्थित श्री सदाशिव शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसके माध्यम से विद्यार्थियों, अध्यापकों और स्टाफ को मलेरिया रोग के लक्षण, निदान, बचाव और इलाज के बारे में संवेदीकृत किया गया। इस मौके पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जिला मलेरिया अधिकारी जीतेंद्र कुमार ने बताया कि लोगों को मलेरिया से बचाव के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।
इस साल इस दिवस की थीम है- टाइम टू डिलीवर जीरो मलेरियारूइन्वेस्ट, इनोवेट एंड इम्प्लीमेंट। मलेरिया एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है और यह मच्छर ठहरे और साफ पानी में पनपते हैं। इसलिए अपने घर और आस-पास कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें। घर में कूलर, फ्रिज की पीछे की डिफ्रॉस्टिंग ट्रे, ड्रॉइंग रूम में रखे मनी प्लांट, गमलों की प्लेटें आदि का पानी समय-समय पर बदलते रहें। हर रविवार कूलर को साफ करें और अच्छे से पोंछकर, रेगमाल से खुरचें व सुखाएं इससे मच्छरों का लार्वा खत्म हो जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मच्छरों से बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरजनित परिस्थितियाँ उत्पन्न ही न होने दें। इसके अलावा पूरी बांह के कपड़े पहने, सोते समय मच्छरदानी, मच्छररोधी क्रीम या क्वायल का उपयोगकरें, घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं, कहीं पानी इकट्ठा है तो उसमें जला हुआ मोबिल ऑयल डाल दें, घर में टूटे हुए टायर, बर्तन को फेंक दें ताकि उसमें पानी न इकट्ठा होने पाए। मलेरिया के लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है ताकि समय से उपचार हो सके। मलेरिया में सर्दी और कंपन के साथ एक-दो दिन छोड़कर तेज बुखार आता है,
इसके साथ ही उल्टियाँ और शरीर में तेज दर्द रहता है। बुखार आते समय पसीना आता है और बुखार उतरने के बाद थकावट और कमजोरी आती है। स्वास्थ्य केंद्रों पर मलेरिया की जांच और इलाज होता है, बुखार होने पर स्वयंसे कोई इलाज न करें। पास के स्वास्थ्य केंन्द्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं, घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें अथवा ऐसे कमरे में रोगी को रखें जिसमें खिड़की तथा दरवाजे पर जालियाँ लगी हांे। इस अवसर पर जिला मलेरिया इकाई के सदस्य, अध्यापक, विद्यार्थी और विद्यालय का स्टाफ मौजूद रहा।