जिले भर में विश्व मलेरिया दिवस पर आयोजित हुए जागरूकता कार्यक्रम
सीएमओ कार्यालय में चिकित्सा अधिकारियों का किया गया संवेदीकरण
गोरखपुर, 25 अप्रैल 2023
विश्व मलेरिया दिवस पर जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर जागरूकता सम्बन्धित विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने समुदाय से अपील की है कि अगर किसी के भीतर मलेरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं तो वह आशा कार्यकर्ता की मदद से जांच करवा सकता है। उन्होंने जिला मलेरिया विभाग को दिशा-निर्देश दिया कि आशा की मदद से मलेरिया के रोगियों को खोज कर उपचार दिया जाए। जिला स्तर पर सीएमओ कार्यालय में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ नंद कुमार और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने चिकित्सा अधिकारियों को मलेरिया के प्रति संवेदीकृत किया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद की सभी आशा मलेरिया जांच में दक्ष हैं। उन्हें रोगी खोजने और इलाज करवाने के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। अगर आशा कार्यकर्ता संभावित मलेरिया रोगी की स्लाइड बनाती है या आरटीडी किट से जांच करती है तो 15 रुपये देने का प्रावधान है। अगर रोगी मलेरिया धनात्मक मिलता है तो इलाज पूरा होने व तीसरे, सातवें व चौदहवें दिन फॉलोअप करने पर 200 रुपये के भुगतान का प्रावधान है। दस्तक पखवाड़ा के दौरान भी मलेरिया के रोगियों को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को दो मंत्र याद रखने होंगे-पहला मंत्र है, कचरा कचरे दानी में, सोयें मच्छरदानी में, जबकि दूसरा मंत्र है-जमा होगा जहां भी पानी, मच्छरों की होगी मनमानी।
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि ठंड और कम्पन के साथ एक या दो दिन छोड़ कर बुखार आना, तेज बुखार व उल्टियां आना एवं सिर में दर्द होना, बुखार उतरते समय बदन में ढेर सारा पसीना होना और बुखार उतरने के बाद कमजोरी व थकावट का महसूस होना मलेरिया का लक्षण है। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में मलेरिया का इलाज सरकारी प्रावधानों के तहत होता है । लक्षण नजर आते ही आशा कार्यकर्ता के माध्यम से या फिर चिकित्सालय पहुंच कर जांच अवश्य करवानी चाहिए। मलेरिया का वाहक एनाफलीज मादा मच्छर जब किसी मलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह भी मलेरिया संक्रमित हो जाता है। इसलिए मच्छरों से बचाव के सभी उपाय अवश्य करने चाहिए ।
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ एके चौधरी, सहायक जिला मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे, सीपी मिश्रा, वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम की कंसल्टेंट डॉ सिद्धेश्वरी सिंह समेत सभी मलेरिया इंस्पेक्टर, नगरीय प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और सीएचसी पीएचसी से आए चिकित्सा अधिकारी जिला स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए ।
पांच वर्ष में 39 रोगी मिले
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2018 से लेकर अभी तक जिले में मलेरिया के 39 रोगी मिले हैं। इस समयावधि में मलेरिया के कारण किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है । गर्भवती को मलेरिया के प्रति विशेष तौर पर सतर्कता रखनी होती है, क्योंकि इस अवस्था में बीमारी से जटिलताएं बढ़ जाती है।
मलेरिया जांच के लिए हर साल होती है सैम्पलिंग
वर्ष लिए गये सैम्पल
2018 71556
2019 72833
2020 26058
2021 38666
2022 1.31 लाख
2023 26839
ऐसे करें मच्छरों से बचाव
• घरों के बर्तन में इकट्ठा पानी हर हफ्ते एक बार बदल दें
• सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें
• शरीर के खुले अंगों पर सरसो या नीम का तेल लगाएं
• घर के खिड़की, रोशनदानों और दरवाजों पर जाली लगाएं
• घर के आसपास जलजमाव न होने दें। अगर जलजमाव होता है तो उसमें जला मोबिल, डीजल या केरोसीन की कुछ बूंदें अवश्य डालें
• लक्षण दिखने पर चिकित्सक को ही दिखाएं। झोलाछाप के पास न जाएं
• सरकारी अस्पताल में जांच व इलाज कराएं