इटावा,मतदाता की यही पुकार क्षयरोग मुक्त इटावा हो इस बार

इटावा, 26 अप्रैल 2023

जनपद में नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं। चुनाव में इस बार शहर की मूल समस्याओं के साथ क्षय रोग जैसा स्वास्थ्य का मुद्दा भी चर्चा में है। इस चुनाव में एक नया नारा भी गूंज रहा है कि मतदाता की है यही पुकार, क्षय मुक्त इटावा हो इस बार। विभिन्न इलाकों के मतदाताओं ने किस तरह जन समस्याओं में क्षय रोग जैसा मुद्दे को प्राथमिकता दी है। पढिए पूरी रिपोर्ट ….

मन की बात —-

जनता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेश त्रिपाठी ने कहा कि क्षय रोग मुक्त इटावा बनाने के लिए विभिन्न मोहल्लों में स्वास्थ्य समिति गठित हो। इसमें टीबी सहित अन्य बीमारियों के सही इलाज के लिए मिलने वाली सुविधाओं के संदर्भ में लोगों को सही काउंसलिंग की जाए। इस चुनाव में उतरे जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर भी अपनी कार्य योजना को जनता के सामने रखें।

शहर के जाने-माने पर्यावरणविद् राजीव चौहान का कहना है कि स्वस्थ जीवन के लिए बीमारियों से निजात मिलना आवश्यक है। इसलिए टीबी जैसी बीमारी को दूर करने के लिए टीबी से संक्रमित स्थानीय लोगों की जांच जल्द कराने व तुरंत इलाज शुरू करने के लिए जनप्रतिनिधियों को प्रतिबद्ध होना चाहिए।

जनपद के प्रसिद्ध साहित्यकार व शिक्षक डॉ कुश चतुर्वेदी ने कहा कि जनपद को क्षय मुक्त बनाने के लिए इस बार चुनाव में उतरे जनप्रतिनिधियों को क्षय रोगियों के सहयोग के लिए निक्षय मित्र की अनिवार्य भूमिका के रूप में कार्य करना चाहिए। इससे क्षय रोगियों को बेहतर पोषण और उचित देखभाल मिल सके।

प्रगतिशील किसान की भूमिका में कार्य करने वाली मंत्रवती ने कहा कि अगर अपने-अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधि सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और इलाज के संदर्भ में सही जानकारी घर-घर तक पहुंचाएं तो गरीब क्षय रोगी अपना इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर ही कराएंगें। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान नहीं होगा। इसलिए क्षय रोगियों के हित में अब जनप्रतिनिधियों को काम करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।

क्यों बन रहा है मुद्दा
टीबी एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है। एक संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने मात्र से पूरे परिवार व आस पड़ोस के स्वस्थ लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि इसका इलाज संभव है और समय से इलाज शुरू हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह समाप्त भी हो जाती है। इलाज नहीं करवाने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार जनपद में वर्तमान में 2179 मरीज सक्रिय हैं। वहीं 225 मरीजों को गोद लिया गया है। इसीलिए इस बीमारी को लेकर इस बार मतदाता ठान चुके हैं कि जो भी विकास कार्यों के साथ स्वास्थ्य मुद्दों को ठीक करने प्राथमिकता के साथ आश्वासन देगा। वोट भी उसी व्यक्ति को मिलेगा। अधिकतर लोगों का कहना है क्षय मुक्त इटावा के लिए शहर में चुनाव के लिए मैदान में उतरे जनप्रतिनिधियों को मुखर होकर क्षय उन्मूलन के लिए कार्य करना होगा और क्षय रोगियों को बेहतर पोषण और इलाज के लिए निरंतर सहयोग प्रदान करना चाहिए।

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