शाहाबाद। 17 अगस्त को शाहाबाद आने वाले कावड़ यात्रा के विषय में एक बैठक हुई। बैठक का उद्देश्य भोले भक्तों के सेवा करना उनको प्रसाद के रूप में भोजन करना बताते चले हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शाहाबाद कावड़ यात्रा 17 तारीख को शोभा यात्रा निकलेगी जिसमें हजारों कांवरिया होंगे बहुत मनमोहक झांकियां भी होंगी शाहाबाद के लोगों का प्यार भोले भक्तों को मिलता है सुबीन गुप्ता जी ने बताया कि 16 तारीख को जल भरने फर्रुखाबाद के लिए रवाना होंगे 17 तारीख को सुबह 7:00 बजे शाहाबाद पहुंचेंगे शाहाबाद में शोभायात्रा निकाली जाएगी उसमें बाहर से आए लोगों द्वारा झांकियां भी होंगी और झांकियां बहुत ही मनमोहन और प्यारी होगी। अशोक गुप्ता ने बताया कई वर्षों से लगातार कांवड़ यात्रा शाहाबाद से गोला गोकर्णनाथ छोटी काशी जाती है। कांवड़ को अपने कंधों पर रखकर लगातार यात्रा करते हैं और अपने क्षेत्र के शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते हैं। यात्रा के दौरान भक्त बम भोले के नारे लगाते हुए पैदल यात्रा करते हैं. कहा ये भी जाता है कि कांवड़ यात्रा करने वाले भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य मिलता है।
कांवड़ यात्रा एक पवित्र और बेहद ही कठिन यात्रा होती है. इस यात्रा के दौरान भक्त पवित्र स्थानों से गंगाजल लेकर आते हैं इसके साथ ही भक्त उसी पवित्र स्थान पर गंगा स्नान भी करते हैं. ज्यादातर लोग गंगाजल गौमुख, गंगोत्री, ऋषिकेश और हरिद्वार घटियाघाट फर्रुखाबाद से गंगाजल को लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. एक बात और भक्त जो कांवड़ लेकर जाते हैं वो बांस से बनी हुई होती है. इसके दोनों छोरों पर घड़े बंधे होते हैं जिसमें गंगाजल होता है. इन्ही घड़ों को गंगाजल से भरकर कांवड़ यात्रा को पैदल पूरा किया जाता है. इसके अलावा कुछ लोग तो नंगे पांव ही यात्रा करते हैं. तो कुछ लोग अपनी सहूलियत के मुताबिक, बाइक, स्कूटर, साइकिल या मिनी ट्रक में भी पूरा करते हैं। इसके साथ ही इस यात्रा के दौरान लोग भक्तों को आराम देने के लिए विश्राम स्थल भी बनाते हैं और इनके खाने पीने का इतंजाम भी करते हैं और चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
सहयोग में अशोक कुमार गुप्ता शिवम सिंह बबलू लाहौरी सुबीन गुप्ता मनीष कुमार सोनपाल बर्मा रोहित बजरंगी धर्मवीर यादव अमिश गुप्ता योगेंद्र गुप्ता चेतन गुप्ता विमल वर्मा नीतू गुप्ता मनीष रस्तोगी मामा पेंट मंडी समिति राज किशोर गुप्ता चंदन गुप्ता जुगल किशोर गुप्ता आदि रहे।