हरदोई, वर्तमान युग तकनीकी का युग है,इसकी उत्पत्ति शिक्षा में भौतिक विज्ञान तथा इंजीनियरिंग शिक्षा के उपयोग से हुई: प्रो ओंकार

हरदोई (अम्बरीष कुमार सक्सेना) डॉ. राममनोहर लोहिया महाविद्यालय अल्लीपुर हरदोई में, ‘शिक्षा में तकनीकी का प्रयोग’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें लखनऊ विश्व विद्यालय के प्रो०- ओंकार जी ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये शिक्षा में तकनीकी के उपयोग के सम्बन्ध में बताया कि वर्तमान युग तकनीकी का युग है और तकनीकी के उपयोग से ही शिक्षक तथा छात्र दोनों को आसान तथा द्रुत गति शिक्षा को प्राप्त करने में मदद करता है। शिक्षक द्वारा निर्देशित सॉफ्टवेयर के माध्यम से विद्यार्थी बिना शिक्षक के स्वयं ही सीख सकता है इसकी उत्पत्ति शिक्षा में भौतिक विज्ञान तथा इंजीनियरिंग शिक्षा के उपयोग से हुई है आज हम तकनीकी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रो में कर रहे हैं चाहें वह शिक्षा हो या चिकित्सा या अन्य क्षेत्र तकनीकी के उपयोग के द्वारा हम विदेश देश विदेश में कहीं भी बैठकर कहीं से भी ज्ञान का आदान प्रदान करते हैं और यह तकनीकी के द्वारा ही सम्भव है इसलिए हमें अपने जीवन में तकनीकी का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए |

महाविद्यालय के एम.एस-सी. जन्तु विज्ञान चतुर्थ सेमेस्टर के छात्राओं और छात्रों के प्रोजेक्टर के माध्यम तैयार किये विभिन्न विषयों पर लघुशोध प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किये । जिसमें राघव मिश्रा, दीप्ति गुप्ता, अनुज कुमार और रत्नम् की प्रस्तुतीकरण को विशेषज्ञों द्वारा सराहा गया । साथ ही सौम्या सिंह, हिमांशु दीक्षित और प्रियांशी आनन्द की प्रस्तुतीकरण ज्ञानवर्धक रहा।


विशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ. आशीष कुमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के द्वारा छात्र सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। यह प्रशिक्षित और अनुभवी जनशक्ति तैयार करके जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार करता है तकनीय शिक्षा लोगों को इस कठिन प्रतिस्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक सभी ज्ञान कौशल प्रदान करती है। इस लिए तकनीकी ज्ञान सभी छात्र छात्राओं के लिए अत्यन्त उपयोगी है।

गोष्ठी की अध्यक्ष आई०टी० कालेज लखनऊ की प्रो० बी० ई० जेम्स ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के अभाव में आज की शिक्षा पूर्ण रूप प्रभावी नहीं हैं। प्राचीन समय में ज्ञान गुरु के द्वारा दिया जाता था जिसे छात्र अनिवार्यतः से किया करते थे लेकिन आज के समय में शिक्षक द्वारा ज्ञान प्राप्त करने के साथ साथ इण्टरनेट, गूगल, यूट्यूब ही आदि के द्वारा ज्ञान आसानी से व कहीं भी बैठकर प्राप्त किया जा सकता है।

डाॅ.शीर्षेन्दु शील”विपिन” उपाध्यक्ष विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान तथा निदेशक महाविद्यालय ने अथितियों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट किये और इस अवसर पर कहा बच्चों का सर्वांगीण विकास शिक्षा में टेक्नालॉजी प्रयोग से ही सम्भव है। महाविद्यालय के नई शिक्षा नीति-2020 के अनुसार बच्चों के महाविद्यालय में कम्प्यूटर लैब के साथ जन्तुविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, भूगोल, गृहविज्ञान, शिक्षाशास्त्र आदि की अधुनिकतम टेक्नालॉजी युक्त सुविधा सम्पन्न स्थापित किया गया है । जिसमें महाविद्यालय मे अध्यनरत विद्यार्थी प्रयोगात्मक ज्ञानार्जन कर रहे है।महाविद्यालय के बच्चे शोध के माध्यम के समाज के नयी दिशा प्रदान करने सफल होगें ।

कार्यक्रम का संचालन डाॅ. एस.के. पाण्डेय ने किया । आभार आनंद विशारद ने व्यक्त किया ।
इस अवसर मुकेश कुमार, सौरभ,संजीव अस्थाना,संजय श्रीवास्तव कुमार सहित शीतल,अनूप कुमार ,मंजोत कौर, आदि छात्र /छात्रायें उपस्थित रहे।

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