5001 स्कूलों और 4186 आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
छूटे हुए लाभार्थियों को पांच फरवरी को मॉप अप राउंड के दौरान दवा खिलाई जाएगी
गोरखपुर, 01 फरवरी 2024
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा है कि पेट में कृमि संक्रमण को रोकने के लिए बच्चों व किशोर किशोरियों में छह प्रकार की सावधानी जरूरी है । साथ ही उन्हें साल भर में छह-छह माह पर दो बार पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाना आवश्यक है । यह बातें उन्होंने पिपरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान का शुभारम्भ करते हुए गुरूवार को कहीं । सीएमओ की मौजूदगी में विद्यालय के 342 विद्यार्थियों को दवा खिलाई गई । जिले के सभी ब्लॉक के 5001 स्कूलों और 4186 आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 19 वर्ष आयु वर्ग के लाभार्थियों को यह दवा खिलाई गई । जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र ने महानगर के सिविल लाइन आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को दवा का सेवन कराया ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चों में स्वस्थ आदतों का विकास करके उन्हें कृमि से बचाया जा सकता है और इससे वह खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं । शरीर में कृमि संक्रमण के कारण खून की कमी, कुपोषण, थकावट व बीमारी एवं कमजोरी की दिक्कत हो जाती है । इससे बचाव के लिए प्रत्येक छह माह में खिलाई जाने वाली दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसी कड़ी में एक फरवरी को दवा खिलाई गई है। इसका सेवन शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने ही किया जाना चाहिए। अभियान में किसी कारण दवा न खाने वाले लाभार्थियों के अभिभावक, उनसे जुड़े शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उन्हें पांच फरवरी को मॉप अप राउंड के दौरान इस दवा का सेवन अवश्य करवा दें।
डॉ दूबे ने बताया कि इस अभियान में एवीडेंस एक्शन संस्था के प्रतिनिधि प्रदीप मिश्रा सहयोग कर रहे हैं । अभियान के दौरान करीब 23.23 लाख लाभार्थियों को दवा खिलाने का लक्ष्य है । पिछले साल चले अभियान में 92 फीसदी लाभार्थियों को दवा खिलाई गयी थी । इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, अधीक्षक डॉ शिवानंद मिश्रा और बीसीपीएम शिवकुमार प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।
कृमि संक्रमण से बचाव के छह उपाय
• नाखून साफ और छोटे रखें
• खाना ढक कर रखें
• खाने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद साबुन पानी से हाथ धोएं
• जब भी बाहर निकलें जूते पहनें
• पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें
• हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें, खुले में शौच न करें
• आसपास साफ सफाई रखें
कृमि संक्रमण के लक्षण
सीएमओ ने बताया कि गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। हल्के संक्रमण में यह लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए बचाव की दवा सभी को खानी चाहिए। इस बार का अभियान प्रदेश के 57 जनपदों और नौ जनपदों के चयनित ब्लॉक में चलाया जा रहा है। दवा का सेवन करने से कुछ बच्चों में जी मिचलाने, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण आ सकते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं। दवा का सेवन हमेशा खाना खाने के बाद ही करना है । गर्भवती को दूसरे या तीसरे तिमाही के दौरान एक बार इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए ।
दवा पूरी तरह से सुरक्षित है
सिविल लाइन निवासी 50 वर्षीय जन्नतुननिशा ने बताया कि उनकी तीन वर्ष की पोती गुनगुन को पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाई गई। आंगनबाड़ी केंद्र सिविल लाइन की कार्यकर्ता ज्योति ने उन्हें पहले से ही दवा सेवन के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी थी। इससे पहले भी उनकी पोती दवा खा चुकी है । यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति ने बताया मुख्य सहायिका मोहित सक्सेना द्वारा उन्हें बताया गया था कि सभी बच्चों को अपने सामने ही दवा खिलाना है । इस केंद्र पर दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान डीपीओ डॉ अभिनव कुमार मिश्र और सीडीपीओ महेंद्र कुमार चौधरी भी पहुंचे ।