अटरिया, दुकानदारों ने ग्राहको व राहगीरों के लिए चौराहे पर सुलभ मूत्रालय व शौचालय बनाने की मांग

संवाददाता, नरेश गुप्ता

राजधानी लखनऊ व सीतापुर को आने जाने वाले राहगीरों के लिए नहीं बना एक भी मूत्रालय

शुलभ मूत्रालय निर्माण ना होने से राहगीर परेशान ।

कस्बे के बाजार में नहीं हैं एक भी सुलभ शौचालय वा मूत्रालय

नेता व अफसर नहीं देते ध्यान, परेशान होते हैं पुलिसकर्मी

अटरिया सीतापुर, सूत्रों के अनुसार कस्बा कस्बे के आसपास निवास कर रहे बहुत से युवा या तो भाजपा नेताओं से ताल्लुक रखने या किसी न किसी बड़े हिंदू संगठनो या किसी ना किसी किसान यूनियन से होने का बात करते है फिरभी अटरिया नगर की हजारो की आबादी वाले नगर में मूलभूत सुविधाओं का किस कदर टोटा है इसका अंदाजा नगर या उसके आस-पास कोई शुलभ शौचालय व मूत्रालय न होने से लगाया जा सकता है। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी लापरवाही रवैया के कारण नगर की सभी जन उपयोग में इस्तेमाल की जाने वाली मूलभूत सुविधाओंमे असुविधाओं का अंबार लगा हुआ है।
इसके बारे में सभी को खबर है लेकिन यहां आने जाने यात्रियों को सुविधाएं होना चाहिए इसके लिए कोई भी जनप्रतिनिधि अपने कर्त्तव्य के प्रति उत्तर दायी नहीं है। जिले की बड़ी तहसील वा नेशनल हाईवे पर हजारो की आबादी वाले नगर का ये हाल है। कि यहां शुलभ शौचालयों तक का अभाव है। आटो वा टैक्सी चालकों की माने तो शौचालय के अभाव में महिलाएं रोड़ किनारे खुले में शौचालय करते देखा जा सकता है। जिससे गंदगी के साथ उनकी इज्जत भी शर्मसार हो रही है।

अटरिया कस्बे वा बाजार में शौचालय की सुविधा न होने के चलते दुकानदारों व अन्य लोगों को परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है। दुकानदारों ने सरकार से मांग की कि कस्बे के बाजार में सुलभ शौचालय का निर्माण किया जाए। इस संबंध में कस्बे के दुकानदारो का कहना था कि कस्बे वा बाजार में 200 से ज्यादा दुकानें हैं। हर रोज कई गांवों से लोग बाजार में खरीदारी करने के लिए आते हैं, मगर शौच के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। लोगों को खुले व दूर खेतों में शौच करने के लिए जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लोग वर्षो से सरकार से मांग कर रहे हैं कि कस्बे या बाजार में सुलभ शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि उनकी समस्या का हल हो सके। दुकानदार ही नहीं राहगीरों आदि का कहना था कि सुलभ शौचालय की सुविधा न होने के कारण बाजार में खासकर महिला ग्राहकों को शौच के लिए परेशान होना पड़ता है। उन्हें खेतों में खुले में ही शौच के लिए जाना पड़ता है। उन्होंने सरकार से जल्द शौचालय बनाने की मांग की है ।

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