गोमती नदी घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे किसानों ने किया आंदोलन तेज दस जनवरी को रहेगा इटौंजा बंद
लखनऊ बीकेटी इटौंजा में सीतापुर राजमार्ग पर 140 दिन से धरना दे रहे तिरंगा महाराज ने क्षेत्र में 10 जनवरी मंगलवार को बंदी का ऐलान किया है तिरंगा महाराज ने क्षेत्रवासियों से और सभी दुकानदारों से आवाहन किया है कि वह 10 जनवरी को अपनी दुकानें बंद कर 1 दिन का विरोध दर्ज कराएं और आंदोलन में साथ दें तिरंगा महाराज की ताजा क्षेत्र की 6 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं उन्होंने मांग की है क्षेत्र में बस स्टॉप बनाया जाए साथ ही क्षेत्र में कन्या डिग्री कॉलेज भी बनाया जाए इटौंजा हाईवे पर जाम लग जाता है तो एक कार्ड बनाकर जाम की समस्या से निजात दिलाया जाए और गांजा नगर पंचायत में जलभराव की समस्या प्रमुख है उसको दूर किया जाए साथी नीलांश वाटर पार्क के द्वारा गोमती नदी कब्जा की गई वह खाली करा जाए और किसानों को न्याय दिया जाए सभी मांगों को लेकर बीजेपी नेता तिरंगा महाराज लगातार आंदोलन कर रहे हैं और अब 10 जनवरी को क्षेत्र में बन्दी बुला रहे हैं
किसानों के पैरोकार तिरंगा महाराज ने कहा लगातार किसानों की जमीन कब्जा मुक्त करने की आवाज उठाई जा रही है पर प्रशासनिक अधिकारियों की कम इच्छाशक्ति से किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा है तिरंगा महाराज ने कहा गंगा गोमती पर दीवाल बनाकर नीलांश वाटर पार्क के भू माफियाओं ने गोमती नदी की जमीन हथियाली है साथ ही विधवा महिला व गरीब किसानों की जमीनों पर भी अवैध कब्जा कर लिया है राजस्व अधिकारी भू माफियाओं से सांठगांठ किए हुए हैं जिसकी वजह से न्याय नहीं मिल पा रहा है साथ ही भू माफियाओं की राजनीतिक पकड़ और ऊंचे रसूख से कोई अधिकारी भू माफियाओं पर हाथ डालने का साहस नहीं दिखा पा रहा है तिरंगा महाराज ने कहा ऐसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए और अधिकारियों की भी सीबीआई से जांच की जानी चाहिए अधिकारी हम किसानों के खून पसीने से कमाई गई फसल के टैक्स के पैसे से तनख्वाह लेते हैं और किसानों की समस्याओं पर सुनवाई नहीं करते हैं उल्टा भू माफियाओं से सांठगांठ किए रहते हैं ऐसे अधिकारियों का अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है और इन को सस्पेंड कर देना चाहिए
बीजेपी नेता तिरंगा महाराज 26 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए भर्स्ट प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं किसान जम कर नारेबाजी कर रहे हैं और प्रधानमंत्री और नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगा रहे हैं साथ ही घोटाले की सीबीआई जांच की माँग कर रहे हैं
धरना प्रदर्शन के बीच कई बार किसान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का प्रयास कर चुके हैं प्रशासन मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दे रहा है और उनको गिरफ्तार कर लिया जाता है
सवाल उठता है
एक तरफ योगी सरकार एंटी भू माफिया टीम नियुक्त कर रही है भू माफियाओं पर कार्रवाई करने के दावे कर रही है दूसरी तरफ राजधानी में ही बीजेपी नेता भ्रष्ट अधिकारियों और भू माफियाओं से सांठगांठ के गंभीर और संगीन आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं पर अभी भी न्याय नहीं मिला है इससे साफ साबित हो रहा है कि कहीं ना कहीं अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को खराब करने का काम कर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर मंच से कहते हैं हम गंगा गोमती की सफाई करेंगे और किसानों को न्याय देंगे पर किसानों को न्याय मिल रहा है ना गंगा गोमती कब्जा मुक्त हो रही है साथ ही साथ सरकार नमामि गंगे जैसी योजना भी चला रही है क्या मतलब रह जाता है ऐसी योजनाओं का जब भूमाफिया नदियों पर ही कब्जा किए हैं और प्रशासन ही उनके साथ मिला हुआ है तो कब्जा खाली कौन कराएगा