बीकेटी लखनऊ जनपद के बख्शी का तालाब ब्लाक में मिनी सचिवालय की स्थिति ठीक नहीं है। अधिकतर पंचायत भवन बंद रहते हैं। पंचायत सचिव इसमें बैठते तक नहीं। जिससे ग्रामीणों की अधिकांश समस्याओं को निस्तारण नहीं हो पाता। उन्हें ब्लाक का चक्कर लगाना पड़ता है।
बक्शी तालाब विकास खंड में पंचायतों में पंचायत सहायक की मिनी सचिवालय में नियमित न आने की वजह से ग्रामीणों के कार्य संपन्न नहीं हो पाते है। हमारी सरकार ग्रामीणों को गांव में ही सुविधा प्रदान करने के लिए इन पंचायत सहायक की नियुक्तिवकी थी
इटौंजा बीकेटी क्षेत्र में 94 ग्राम पंचायतों में सहायक पंचायतों की नियुक्ति प्रदेश सरकार ने की थी। यह पंचायत सहायक वृद्धा पेंशन मृत्यु व जन्म प्रमाण पत्र बनाना वृद्धा पेंशन को ऑनलाइन करना पंचायत कार्यों का लेखा-जोखा रखना तथा पंचायत के अन्य कार्यो को निपटाते हैं। एक जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत मलूकपुर पहाड़पुर चांदपुर खानीपुर रेवामऊ बेहड़ा टेकारी पृथ्वी नगर गुलालपुर तथा अधिकांश पंचायतों में पंचायत सहायक नियमित न आने की वजह से नागरिकों को अपने कार्यों को करवाने में दर्जनों बार कवायद करनी पड़ती है। फिर भी उन्हें मायूस होना पड़ता है पंचायत सहायक के न से मिनी सचिवालय में ताला लटकता रहता है।जबकि सरकार इन पंचायत सहायक को 6000 रुपए प्रति माह मानदेय देती है।
इसी क्रम में ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मियों के नियमित न आने से जहां गांव गंदगी व कूड़ा करकट से पटे हुए हैं। इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि रामदेव तिवारी राम प्रकाश सिंह एडवोकेट सिया राम कनौजिया रामनरेश सिंह भदोरिया तथा ग्रामीणों ने प्रधानों पर आरोप लगाते हुए बताया कि सफाई कर्मी प्रधान की ढिलाई की वजह से गांव में सफाई करने नहीं आते हैं क्योंकि प्रधान ही सफाई कर्मी की उपस्थिति को प्रमाणित करता है। परसहिया बगहा मदारीपुर राजापुर गुलालपुर अमानीगंज शाहपुर कुनौरा महिंगवां तथा अधिकांश पंचायतों में इनके दीदार नहीं होते हैं। जिससे गांव गवंई में गंदगी का अंबार है। नालियां कूड़ा करकट से पट गई हैं और उनका गंदा पानी मार्गों पर बहता रहता है। जिससे नागरिकों का चलना दूभर है। सरकार द्वारा गांव के नागरिकों को इतनी सारी सुविधाएं प्रदान करती है। किंतु शासन की लचर व्यवस्था के चलते नागरिक इन सुविधाओं से महरूम है।
जब संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि इस प्रकरण की जांच कराकर इन कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी पर हकीकत कुछ और ही है अधिकारी कहते कुछ और हैं और करते कुछ और है। प्रधानों का कहना है सफाई कर्मी व सहायक पंचायत नियमित आते हैं पर हकीकत इससे कोसों दूर है। यदि कोई आला अफसर इस हकीकत को जांचने के लिए स्थलीय निरीक्षण करने आए व्यवस्थाएं की अवस्थाएं नजर आएंगी और प्रधानों की कलई खुल कर सामने आ जाएगी।