श्रावस्ती, मानसिक रोगियों को झाड़-फूंक नहीं, इलाज की जरूरत: सीएमओ

– विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर 10 अक्टूबर को लगेगा स्वास्थ्य शिविर

श्रावस्ती। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) के मौके पर मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन संयुक्त जिला चिकित्सालय पर सुबह दस बजे से शाम तीन बजे तक होगा। इस मौके पर मानसिक रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और मंदबुद्धि बच्चों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएगें।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी अभय प्रताप ने बताया कि इस शिविर को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। इस शिविर में बुजुर्गों का भी मानसिक स्वास्थ्य एवं उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके अलावा विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे आंशिक मंदबुद्धि बच्चों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा एवं उन्हें प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखा जा चुका है कि यदि उनके विद्यालय में कोई आंशिक मंदबुद्धि बच्चा शिक्षा प्राप्त कर रहा है, तो वह स्वास्थ्य परीक्षण के लिए उसे लेकर शिविर में आएं।
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*मानसिक रोग को अंधविश्वास से न जोड़ें —*
सीएमओ डॉ. अजय प्रताप सिंह का कहना है कि जागरूकता के अभाव में हमारे समाज में विशेष रूप से ग्रामीण परिवेश में लोग मानसिक रोग को अंधविश्वास से जोड़कर देखते हैं। जिसके चलते मानिसक रोगियों को कई बार घृणा और अंधविश्वास की नजर से देखा जाता है। अधिकांशतया मानसिक रोगियों को देवी शक्ति अथवा भूत-प्रेत बाधाओं से जोड़कर देखा जाता है, इसी अंधविश्वास के चलते लोग मानसिक रोगी को चिकित्सक के पास उपचार के लिए लाने के बजाए उसे झाड़-फूंक के लिए तांत्रिक के पास लेकर जाते हैं। ऐसे में मरीजों को प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि मानसिक रोग कई प्रकार का होता है। हर मानसिक रोग के कारण, लक्षण और उपचार के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। मानसिक रोगी को उपचार के लिए तांत्रिक या ओझा के पास ले जाने के बजाए उपचार के लिए चिकित्सक के पास लेकर जाएं। सीएमओ ने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य संघ की पहल पर वर्ष 1992 में पहली बार इसका आयोजन किया गया था।
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*मानसिक रोग के लक्षण —*
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. युसूफ खान ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार नींद न आना, चिंता रहना, मायूसी, चिड़चिड़ापन, ज्यादा सोच विचार, आत्महत्या के विचार आना, नशे की लत, एक ही विचार का बार- बार आना आदि मानसिक रोगों के लक्षण हैं। उन्होंने कहा मानसिक रोग से नियमित व्यायाम, उचित खाना पान, पर्याप्त नींद और मनोरंजन आदि कर काफी हद तक बचा जा सकता है।

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