संवाददाता, नरेश गुप्ता
मीठे बताशे खिलाकर पिलाया जा रहा घड़े का ठंडा शीतल जल
कस्बे के दुकानदारों ने भी बढाए मदद के कदम बढ़ चढ़ कर कर रहे सहयोग
अटरिया बाला जी (ए.बी.सी) कमेटी ने चौराहे पर रखवाए सार्वजनिक पानी के खड़े
हनुमंत ज्वेलर्स ब्रदर्स व रूद्रप्रकाश अवस्थी का मिल रहा विशेष सहयोग
अटरिया सीतापुर, जनपद की सिधौली कोतवाली क्षेत्र के अटरिया क्षेत्र से कुछ समय पहले पानी की समस्या को लेकर कई समाचार प्रकाशित किए गए थे जिन समाचारों को पढ़कर एक पटरी छोटे से पान दुकानदार लवकुश अवस्थी जो अटरिया कस्बे के अवस्थी नगर में निवास करते हैं जिनके मन में लोगों की सेवा करने की लालसा पनप रही थी पानी की समस्या से जुड़ी खबर पढ़ने के बाद मानो आग में घी डालने जैसा माहौल बन गया उन्होंने स्वयं यह बीड़ा उठा लिया और अटरिया ओवर ब्रिज के नीचे अंडर पास पर अपनी पान की दुकान के नजदीक घड़े से पानी पिलाने का प्याऊ लगाने का निश्चय कर लिया देखते ही देखते उनके विचारों ने गति पकड़ ली और ज्येष्ठ माह के पहले दिन ही जनमानस की प्यास बुझाने के लिए अन्य कई सदस्यों की मदद से घड़े के पानी का प्याऊ लगवा दिया इस विषय में जब लवकुश अवस्थी से बात की गई तो बताया कि पिछले काफी समय से वह लोगों की सेवा के लिए जल पिलाने की सेवा करना चाह रहे थे इसकी छोटी सी शुरुआत वह आरो के पानी की टंकी मंगवा कर सार्वजनिक रूप से पिला रहे थे किंतु इसे बड़े पैमाने पर लाने में उन्हें दिक्कतें हो रही थी किंतु प्रकाशित समाचार से मानो उनके विचारों में पंख लग गए हो और जैसे तैसे घड़े मंगवा कर राहगीरों को मीठे बताशे खिलाकर पानी पिलाने की सेवा प्रारंभ कर दी है उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही वह सब के सहयोग से अटरिया के अन्य चौराहों पर भी यह व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं
गर्मियां आते ही लोग खुद को ठंडा रखने के लिए कई ठंडी चीजों का सहारा लेते हैं. इस मौसम में पहनावे से लेकर खानपान तक पूरी तरह से बदल जाता है. गर्मियों में ठंडा पानी पीने का अपना अलग ही मजा है. इससे प्यास तो बूझती ही है, साथ ही गर्मी से राहत भी मिलती है. यही वजह है कि गर्मी से आते ही लोग अकसर प्यास बुझाने के लिए फ्रिज में रखी बोतल को गटक जाते हैं. हालांकि, फ्रिज का पानी भले ही आपको गर्मी से राहत दिलाता है, लेकिन इसकी वजह से आपकी सेहत को ढेरों नुकसान होते हैं. ऐसे में मटके का पानी आपके लिए एक बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है.
गर्मियों कई लोग खासकर गांव या छोटे शहरों में आज भी कई लोग मटके का पानी पीना पसंद करते हैं. गर्मी से राहत दिलाने के साथ ही मटके का पानी सेहत को ढेरों फायदे भी पहुंचाता है.
आइए जानते हैं मटके का पानी पीने के कुछ फायदे.
- नेचुरल कूलिंग प्रॉपर्टीज
मिट्टी के बर्तन यानी मटके में पानी रखने से पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा होने में मदद मिलती है. दरअसल, मिट्टी के बर्तन की सतह पर छोटे-छोटे छेद यानी पोर्स होते हैं और इन पोर्स से पानी तेजी से इवापोरेट हो जाता है. इवापोशन की मदद से बर्तन के अंदर पानी की गर्मी खत्म हो जाती है, जिससे पानी ठंडा हो जाता है.
- पेट की समस्या से भी दिलाए राहत
हम जो भी खाते हैं, उसका ज्यादातर हिस्सा शरीर में एसिडिक हो जाता है और फिर यह टॉक्सिन्स का निर्माण करता है. मिट्टी अल्कालाइन नेचर की होती है, जो एसिडिक फूड आइटम्स के साथ रिएक्ट करती है और जरूरी पीएच संतुलन बैलेंस बनाती है, जिससे एसिडिटी और गैस्ट्रिक संबंधी समस्या दूर रहती हैं.
- मेटाबॉलिज्म भी करे बूस्ट
मिट्टी के बर्तन में रखे पानी में किसी भी प्रकार का कोई केमिकल नहीं होता. ऐसे में रोजाना मटके या सुराही का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद मिल सकती है. साथ ही यह पानी में मौजूद मिनरल के कारण पाचन में भी सुधार कर सकता है.
- लू से भी बचाए
चिलचिलाती गर्मी के महीनों में लू लगना एक आम समस्या है. ऐसे में मटके का पानी पीने से लू से लड़ने में मदद मिलती है, क्योंकि मिट्टी का बर्तन पानी में मौजूद मिनरल्स और पोषक तत्वों को बरकरार रखता है और जल्दी से रिहाइड्रेट करने में मदद करता है.
- गले की खराश से बचाए
अगर आप गर्मियों में अकसर फ्रिज का पानी पीते हैं, तो इससे आपके गले में खराश की समस्या हो सकती है. हालांकि, इसके विपरीत मटके का पानी पीने से आपको ऐसी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता. दरअसल, मटके के पानी का सामान्य तापमान होता है, जो गले से जुड़ी किसी समस्या की वजह नहीं बनता है.
- नेचुरल प्यूरिफायर
मिट्टी के बर्तन न सिर्फ पानी को ठंडा करने के लिए बल्कि उसे प्राकृतिक रूप से साफ करने के लिए भी उपयोगी होते हैं. इसमें मौजूद छोटे-छोटे पोर्स पानी के साथ प्रदूषकों को मिलने से रोकती है और इस तरह इसे पीने के लिए अन्य पानी की तुलना में सुरक्षित बनाता है.
आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों में क्यों पीना चाहिए मिट्टी के घड़े में रखा पानी? जानें फायदे
आयुर्वेद में भी मिट्टी के बर्तनों में पानी रखने और उनमें भोजन पकाने तक के फायदे माने गए हैं। बदलते वक्त में मिट्टी के घड़े की जगह फ्रिज ने ले ली है लेकिन सेहत के लिहाज से देखा जाए, तो फ्रिज में पानी सिर्फ ठंडा होता है लेकिन मिट्टी के घड़े जितने पोषक तत्व आपको नहीं मिलते। ऐसे में कोशिश करें कि गर्मियों में फ्रिज की जगह मिट्टी के घड़े में रखे पानी को पिएं, जिससे कि न सिर्फ आप बीमारियों से बचे रह सकें बल्कि आपका डाइजेशन सिस्टम भी मजबूत हो सके।
मिट्टी के घड़े में पानी कैसे होता है ठंडा
मिट्टी के बने मटके में सूक्ष्म छिद्र होते हैं। ये छिद्र इतने सूक्ष्म होते हैं कि इन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता। पानी का ठंडा होना वाष्पीकरण की क्रिया पर निर्भर करता है। जितना ज्यादा वाष्पीकरण होगा, उतना ही ज्यादा पानी भी ठंडा होगा। इन सूक्ष्म छिद्रों द्वारा मटके का पानी बाहर निकलता रहता है। गर्मी के कारण पानी वाष्प बन कर उड़ जाता है। वाष्प बनने के लिए गर्मी यह मटके के पानी से लेती है। इस पूरी प्रक्रिया में मटके का तापमान कम हो जाता है और पानी ठंडा रहता है।